Shayari dil se
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते होसीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो।
Shayari dil se
घायल कर के मुझे उसने पूछा,करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,लहू-लहू था दिल मेरा मगरहोंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।
Shayari dil se
खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी,अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।
Shayari dil se
मेरे होंठो पर लफ्ज़ भी अब तेरी तलब लेकर आते हैं,तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं।
Shayari dil se
Shayari dil se
हम तो तेरी आवाज़ से प्यार करते हैं,तस्सवुर में तेरे तन्हाइयों से प्यार करते हैं,जो मेरे नाम से तेरे नाम को जोड़े ज़माने वाले,उन चर्चों से अब हम प्यार करते हैं।
Shayari dil se
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