Thought of the day
*कुछ न कुछ छूटना तो लाज़मी है*
*अचानक से आज यूँ ही ख्याल आया कि,*
*अखबार पढ़ा तो प्राणायाम छूटा,*
*प्राणायाम किया तो अखबार छूटा,*
*दोनों किये तो नाश्ता छूटा,*
*सब जल्दी जल्दी निबटाये*
*तो आनंद छूटा,*
*मतलब.....*
*कुछ ना कुछ छूटना तो लाज़मी है...!!*
*हेल्दी खाया तो स्वाद छूटा,*
*स्वाद का खाया तो हेल्थ छूटी,*
*दोनों किये तो.....*
*अब इस झंझट में कौन पड़े..!!*
*मुहब्बत की तो शादी टूटी,*
*शादी की तो मुहब्बत छूटी*
*दोनों किये तो वफा छूटी,*
*अब इस पचड़े में कौन पड़े..!!*
*मतलब*
*कुछ ना कुछ छूटना तो लाज़मी है...!!!*
*जो जल्दी की तो सामान छूट गया,*
*जो ना की तो ट्रेन छूट गयी,*
*जो दोनों ना छूटे तो,*
*विदाई के वक़्त गले मिलना छूट गया,*
*मतलब...*
*कुछ ना कुछ छूटना तो लाज़मी है...!!!*
*औरों का सोचा तो मन का छूटा,*
*मन का लिखा तो तिस्लिम टूटा,*
*खैर हमें क्या..*
*खुश हुए तो हँसाई छूटी,*
*दुःखी हुए तो रुलायी छूट गयी,*
*मतलब...*
*कुछ ना कुछ छूटना तो लाज़मी है...!!!*
*इस छूटने में ही तो पाने की खुशी है,*
*जिसका कुछ नहीं छूटा,*
*वो इंसान नहीं मशीन है,*
*इसलिये कुछ ना कुछ छूटना तो लाज़मी है...!!!*
*जी लो जी भर कर*
*क्योकि एक दिन ये जिन्दगी छूटना भी*
*लाज़मी हैँ*💓💓💜🎈💜💜💜
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